सांघी की संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर हाई कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

हाई कोर्ट इंदौर ने शहर के प्रतिष्ठित सांघी परिवार की संपत्ति को लेकर अंतरिम आदेश देते हुए निर्देश दिए कि प्रथम अपील के अंतिम निराकरण तक चल-अचल संपत्तियों न बेची और न ही खरीदी जाएं। कोर्ट में प्रथम अपील स्वर्गीय शरद सांघी की छोटील पुत्री ज्योत्सना सांघी ने दायर की है। मामला यह है कि जिला कोर्ट में अपीलार्थी की तरफ से एक परिवाद प्रस्तुत हुआ था। इसमें कहा गया था कि जो वसीयत स्वर्गीय शरद सांघे ने बनाई थी उसके हिसाब से संपत्ति का बंटवारा नहीं हो रहा है। जिला कोर्ट ने परिवाद खारिज कर दिया था।

इस पर स्वर्गीय सांघी की पुत्री ज्योत्सना एडवोकट आरएस जायसवाल व एडवोकेट अभिनव मल्होत्रा के जरिए हाई कोर्ट में अपील दायर की है। इसमें कहा गया है कि स्वर्गीय सांघी ने तीनों बेटियों प्रिया, रागिनी और ज्योत्सना के नाम पर इंदौर सहित अनेक शहरों की चल-अचल संपत्ति का बंटवारा किया था। इसमें इंदौर में आटोमोबाइल की सभी डीलरशिप, पलासिया स्थित अचल संपत्ति बढिय़ाकीमा स्थित भूमि, भोपाल के कोहेफिजा स्थित अचल संपत्तियां शामिल हैं। वसीयत में स्पष्ट उल्लेख है कि किसे क्या मिलेगा लेकिन इस वसीयत के हिसाब से बंटवारा नहीं किया गया। मंगलवार केा हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी किया। इसमें कहा गया हे कि प्रथम अपील का निराकरण होने तथा चल-अचल संपत्ति की बिक्री नहीं की जाए। कोर्ट ने अपील में पक्षकार बनाए गए पक्षकारों से न्यायालय ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है।  

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