तीखी नोकझोंक के बाद कांग्रेसी गिरफ्तार, कांग्रेस ने पुलिस पर लगाया दमन का आरोप

 उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार के इशारे पर रही ईडी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराया है। 

लखनऊ (आरएनएस)

 उत्तर प्रदेश कांग्रेस के आक्रोशित नेताओं ने शांतिप्रिय तरीके से देश के प्रधानमंत्री के तानाशाही रवैये के विरूद्ध अपना प्रतिरोध दर्ज कराया। लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया है। इसबीच पुलिस व कांग्रेस में तीखी झड़प हुई है। जीपीओ पर पुलिस बल व कांग्रेस कार्यकर्ता में जमकर बहस हुई। कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने घोर अलोकतांत्रिक कृत्य करते हुए मारपीट कर बर्बरता का प्रदर्शन किया। पुलिस की कार्यवाही में तमाम कांग्रेसजनों को चोटें आई। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया जिसमें उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’, मीडिया एवं कम्यूनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी शामिल हैं।कांग्रेस को आरोप है कि लखनऊ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर पूर्व निर्धारित विरोध प्रदर्शन से डरी हुई प्रदेश सरकार ने पुलिस के दम पर बलपूर्वक प्रदर्शन को रोंकने की कोशिश की जिसमें वह सफल नहीं हो पायी। पार्टी के सैकड़ों नेता एवं कार्यकर्ता जीपीओ पहुंच गये जहां पर भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसजनों से हाथापाई करते हुए उनसे मारपीट की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा जा रहे कांग्रेसजनों को रोकने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर बैरीकेड लगाकर रोकने की कोशिश की। आक्रोशित कांग्रेसजनों ने बैरीकेड तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया जहां पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें बर्बरतापूर्वक रोककर गिरफ्तार कर लिया गया। जिसमें विधायक एवं उपाध्यक्ष उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी विरेन्द्र चैधरी, उपाध्यक्ष एवं प्रभारी प्रशासन योगेश दीक्षित, पूर्व सांसद जफर अली नकवी, पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला, अम्बिका सिंह,  धीरेन्द्र सिंह धीरू, सोहिल अख्तर अंसारी, आदि शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डा0ॅ उमा शंकर पाण्डेय ने बताया कि पिछले आठ सालों से जनविरोधी कार्यों से घोर अलोकप्रियता की तरफ बढ़ रही मोदी सरकार तानाशाही एवं षड़यंत्रों के बल पर संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करके विपक्ष के नेताओं की आवाज को दबाना चाहती है। पिछले दिनों श्री राहुल गांधी जी से ईडी ने  50 घंटों से ज्यादा पूंछताछ की जो कि घोर निन्दनीय है। अब श्रीमती सोनिया गांधी जी से उनकी बढ़ी उम्र एवं खराब स्वास्थय के बावजूद प्रताड़ित करने व छवि धूमिल करने के लिए ईडी कार्यालय बुला कर घंटों पूंछताछ का ड्रामा किया जा रहा है। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेसजनों को ईडी ऐसे ही अपने दफ्तर बुलाकर कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश करती थी जो मोदी जी द्वारा बंधक बना लिये गये संवैधानिक संस्थाओं की हकीकत का पर्दाफाश करती है।

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