सेवानिवृत्त कर्मचारी व पेंशनर्स एसोसिएशन उप्र. ने सरकार को याद दिलाया वादा

राज्य सरकार ने अभी तक इस साल जनवरी से देय मंहगाई भत्ता व राहत की 3 प्रतिशत की किश्त के भुगतान का आदेश जारी नहीं किया। उक्त बातें सेवानिवृत्त कर्मचारी एंव पेंशनर्स एसोसिएशन उप्र. के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहीं। आगे उन्होंने कहा कि 29 मई को पेंशनरों के प्रदेश अधिवेशन में यह मुद्दा बड़े जोरशोर से उठा था, जिसमें सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर पेंशन निदेशक भी मौजूद थे।

लखनऊ(आरएनएस)

अधिवेशन में सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री से अविलम्ब किश्त जारी करने की मांग की गयी थी, लेकिन अब तक इस मामले पर सरकार उदासीन है। वहीं, संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा व महामंत्री ओपी त्रिपाठी ने कहा कि भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए मार्च-2022 में ही आदेश जारी कर दिया था। राज्य सरकार की यह कमिटेड नीति है फिर भी सरकार ने इस ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया है। प्रतिनिधियों ने कहा कि पेंशनरों के लिए पेंशन ही जीवन यापन का एक मात्र सहारा है। बढ़ती मंहगाई की प्रतिपूर्ति के लिए मंहगाई राहत से कुछ अंश तक भरपाई होती है, वह भी नहीं हुआ। इससे पेंशनरों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह किश्त जुलाई 2021 से दिसम्बर, 2021 के मध्य बढ़े हुए बाजार भावों पर आधारित है। जिसका स्पष्ट आशय है, कि कर्मचारी एवं पेंशनर एक वर्ष से मंहगाई की मार झेल रहे है। शासनादेश अभी तक जारी नहीं हो पाने से उसकी भरपाई नहीं हो रही है। इसी तरह 18 माह के फ्रीज डीए और डीआर के एरियर के भुगतान पर भी सरकार मौन है। यह भी परेशानी का सबब है,जिससे पेंशनर समाज में असंतोष व्याप्त है। संगठन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है , कि जल्द ही  मंहगाई भत्ता-राहत का शासनादेश जारी कराया जाये, ताकि जुलाई में कुछ राहत मिल सके।

Rashtriya News

Prahri Post