दिव्यांगो को मिलेंगे कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण : राजीव प्रताप रुडी
देश को विकास के पथ पर द्रुत गति प्रदान करने वाले माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सशक्त हो रहा है। विकास की इस गति में देश की आबादी के उन दो करोड़ की युवा शक्ति का भी महत्वपूर्ण योगदान है जो शरीर के किसी न किसी अंग से दिव्यांग है। ऐसे ही दिव्यांगजनों के सहायतार्थ सारण लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रखण्डों में दिव्यांगजनों के सर्वेक्षण का काम अन्य वर्षों की तरह इस साल भी चल रहा है।
राष्ट्रीय -(आरएनएस)
इस सर्वेक्षण के आधार पर जितने दिव्यांगजन निबंधित होते है या अपना निबंधन कराते है उनको नि:शुल्क कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरण ट्राईसाइकिल आदि उपलब्ध कराये जाते है। इस वर्ष सर्वेक्षण का कार्य 23 अगस्त से शुरू हुआ है जो 4 सितम्बर तक चलेगा। प्रत्येक प्रखण्ड में पूर्वाह्न 10 बजे से शाम 05 बजे तक शिविर लगाकर दिव्यांगजनो का सर्वेक्षण किया जा रहा है। उपर्युक्त बातों की जानकारी देते हुए सारण सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने सारण क्षेत्र के समस्त दिव्यांगजनों से और उनके परिजनों का आह्वान किया कि वे या तो स्वयं आकर अपना निबंधन करायें या ऐसे परिवार के लोग अपने परिवार के दिव्यांगजनों का निबंधन कराकर योजना का लाभ उठायें। रुडी ने कहा कि सुगम्य भारत योजना के तहत देशभर में दिव्यांगजनो को कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण प्रदान कर स्वावलंबी बनाते हुए सृजनात्मक कार्यों की ओर मोड़ा जा रहा है। इसी के तहत सारण में भी शिविर लगाया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए दिव्यांगजनो का निबंधन आवश्यक है जिसके लिए प्रखंडवार मढ़ौरा में 23 अगस्त, गडख़ा में 24 अगस्त, परसा में 25 अगस्त, दरियापुर में 26 अगस्त, सोनपुर में 27 अगस्त, दिघवारा में 29 अगस्त, छपरा सदर में 30 अगस्त, रिविलगंज में 31 अगस्त, नगरा में 02 सितम्बर और अमनौर तथा मकेर में 04 सितम्बर को सर्वेक्षण शिविर का आयोजना किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं द्वारा इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। सर्वेक्षण उपरान्त निबंधित दिव्यांगजनों को मोटर चलित ट्राइसाइकिल कृत्रिम अंग सहित अन्य सहायक उपकरण प्रदान किये जायेंगे। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए सांसद कंट्रोल रूम में टॉ फ्री नं? 18003456222 पर संपर्क किया जा सकता है। रुडी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने शारीरिक नि:शक्तों के लिए ‘विकलांगÓ शब्द की जगह ‘दिव्यांगÓ शब्द के प्रयोग की उचित सलाह दी। यह प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का ही परिचायक है कि मीडिया सहित आम जन ने दिव्यांग शब्द को स्वीकार किया और इसे सामान्य प्रयोग के रूप में ले लिया। यह महज एक औपचारिकता ना रहे, इसलिए इस सुझाव को व्यवहार में लाते हुए उनके कल्याणार्थ योजनाओं को धरातल पर भी लाया गया है।
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