भारी कर्ज के बोझ में डूबेगा कर्नाटक : सिद्धारमैया

भारी कर्ज के बोझ में डूबेगा कर्नाटक : सिद्धारमैया
विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा पेश किए गए पहले बजट को निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा। निचले सदन में 2022-23 के राज्य के  बजट पर बहस की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, सरकार हर साल भारी कर्ज जुटा रही है, जो उसे भारी ब्याज का भुगतान करके कर्ज के जाल फंसाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि 2022-23 का बजट कमजोर है, क्योंकि यह केवल आश्वासन देता है और सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने से बचाता है। सिद्धारमैया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य ने 2022-23 में अनुमानित 5.18 लाख करोड़ रुपये का ऋण लिया है, जो 2018-19 में 2.42 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा, यह सरकार को 2021-21 में ऋण पर 27,000 करोड़ रुपये और 2022-23 में 29,397 करोड़ रुपये की ब्याज दर का भुगतान करने के लिए मजबूर करेगा, जिसका अर्थ है कि सरकार 2022-23 में 43,000 करोड़ रुपये की मूल राशि और ब्याज का भुगतान करेगी।
सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार ने 2002 के कर्नाटक राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम के तहत निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने आगे कहा कि राजस्व घाटा 14,699 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 61,564 करोड़ रुपये अनुमानित था, जो 2022-23 में जीएसडीपी का 3.26 प्रतिशत था। सिद्धारमैया ने केंद्र प्रायोजित परियोजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी 2013-14 में 75 प्रतिशत से घटकर 2021-22 में 49.95 प्रतिशत होने की ओर भी इशारा किया। उन्होंने सरकार से केंद्र पर ऐसी परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करने के लिए दबाव बनाने को कहा।

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