आलराउंडर होने के खतरनाक जोखिम

मोहाली टेस्ट में रवींद्र जडेजा ने 175 रन मार दिये, 175 रनों का स्कोर तो स्पेशलिस्ट बैट्समैन के लिहाज से भी बेहतरीन स्कोर है। रवींद्र जडेजा तो स्पेशलिस्ट बैट्समैन नहीं हैं, पर रन दनादन मार गये। ऐसे खिलाडिय़ों को आलराउंडर कहा जाता है। वैसे आलराउंडर होने के अपने खतरे हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि ऐसा प्लेयर अगर बैटिंग न कर पाये तो कह सकता है कि मैं तो बॉलर हूं। और अगर बॉलिंग में न चल पाये तो कह सकता है कि मैं तो मूलत बैट्समैन हूं। ऐसे आलराउंडर कई बार बहुत चौपट करा देते हैं। रवींद्र जडेजा जैसे आलराउंडर औरों के लिए भी दिक्कत पैदा करते हैं। एक के साथ एक फ्री की स्कीम क्रिकेट में चलाते हैं।
एक ही पर फोकस रहे बंदा तो कई नुकसानों से बच जाता है। विजय माल्या सौंदर्य-प्रेमी कारोबारी थे, हर साल बहुत कातिल किस्म का कैलेंडर निकालते थे, बहुत-सी सुंदरियों के बहुत तरह के पोजों वाले। सुंदरियों का इंटरव्यू करते थे, तो खुद को एयर होस्टेसों का भी एक्सपर्ट समझने लगे। खुद को वह एयरलाइंस कारोबार के एक्सपर्ट भी समझने लगे। एयरलाइंस कारोबार में उतर गये। और अपने चलते हुए दारू कारोबार को भी डुबो दिया।
आलराउंडर कई बार सब तरफ चौपट करा देता है।

इसलिए विद्वानों का एक स्कूल कहता है कि एक ही धंधे पर फोकस रहना चाहिए। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पॉलिटिक्स में आने से पहले कॉमेडियन थे। फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति बन गये। कॉमेडियन बने रहते तो शायद मुल्क का यह हाल न होता, बमों से तबाह न होता। कॉमेडियन के सोचने का अंदाज अलग होता है। कॉमेडियन हर सिचुएशन में मजे लेने की सोचता है। कॉमेडियन कई बार कई बातों को सीरियसली नहीं लेता, पुतिन कई बार गंभीर धमकी दे चुके थे पर उन्हें सीरियसली न लिया गया। और कमाल यह है कि जिन वादों और आश्वासनों को कॉमेडी मानकर उड़ा देना चाहिए था, उन सब को जेलेंस्की ने बहुत ही सीरियसली लिया। अमेरिका ने कई वादे किये थे, जेलेंस्की के साथ कि यह देंगे, वह कर देंगे, कुछ न किया अमेरिका ने। अब अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन यह बता रहे हैं कि देखो जेलेंस्की, साथ हैं तुम्हारे पर, यहीं से साथ हैं, मतलब आ न पायेंगे। वादे चाहे जितने ले लो। वादों से युद्ध नहीं लड़े जाते, बाइडेन ने जो वादे किये थे, वे कुछ भी न लेकर आये और पुतिन ने जो धमकियां दी थीं वे सब सच कर दीं। यानी समझने की बात यह है कि पुतिन की धमकियों को सीरियसली लेना चाहिए, क्योंकि वह कॉमेडियन नहीं हैं। पुतिन फोकस से काम करते हैं, एक ही काम पर ध्यान लगाते हैं। जेलेंस्की कॉमेडी से पॉलिटिक्स सब एक साथ चलाने की कोशिश करते रहे और पूरी गंभीरता से उन्होंने अपने देश को रुदन में डुबो दिया। बहुत शानदार कॉमेडियन अगर खऱाब नेता बन जाये, तो देश रोने लग जाता है।

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