अब दुकानों को मिलेंगे फूड सेफ्टी लाइसेंस

सरकारी गल्ले की दुकान चला रहे कोटेदारों, विपणन के तहत आने वाले गोदामों, राइस मिलरों के साथ उद्यान विभाग में आने वाले कोल्ड स्टोरेज व खाद्य प्रसंस्करण की दुकानों को अब फूड सेफ्टी का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस के वह कारोबार नहीं कर सकेंगे। इसके लिए शासन से आयुक्त अनीता सिंह ने जिले को पत्र प्रेषित कर इसके अनुपालन का निर्देश दिया है। इससे एक तो लाइसेंस की संख्या बढ़ेगी। वहीं कोटेदारों, मिलरों, गोदाम व कोल्ड स्टोरेज आदि के यहां से खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रहित किए जाएंगे। इस आशय का पत्र खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को शासन से प्राप्त हो गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से किसी भी खाद्य पदार्थ की बिक्री, भंडारण व निर्माण करने पर पंजीकरण व लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है।

इसके बिना कारोबार करना अवैध है। पकड़े जाने पर कार्रवाई होती है। विभाग के मुताबिक, सालाना 12 लाख से ऊपर का टर्नओवर करने वालों का लाइसेंस बनता है। जबकि इससे कम खर्च करने वालों का पंजीकरण होता है। अभी तक जिले में 1609 कोटेदार बिना फूड लाइसेंस के कारोबार कर रहे हैं। वहीं विपणन के 16 गोदाम तथा उद्यान के 38 कोल्डस्टोरेज व खाद्य प्रसंस्करण के लगभग 150 से अधिक ईकाईयां बिना एफएसएसआई के लाइसेंस के कारोबार कर रही है। इसकी निगरानी बहुत ही आवश्यक है। साथ ही गुणवत्ता की चेकिग के लिए इसके नमूने भी लिए जा सकते हैं। वहीं खाद्य विभाग ने लाइसेंस बनवाने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। सहायक आयुक्त अजीत मिश्रा ने बताया कि  कोटेदारों के फूड लाइसेंस बनवाए जाएंगे। खाद्य रसद एवं आपूर्ति विभाग को लाइसेंस प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जा चुकी है। इससे कोई कोटेदार अछूता नहीं रहेगा।

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