बुलेट ट्रेन के निर्माण के लिए नई तकनीक का हो रहा इस्तेमाल,रेलवे मंत्री ने दी जानकारी पहली बार बुलेट ट्रेन के पुल पर रखा गया गर्डर लान्चर

देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) का काम जोरों से चल रहा है। अहमदाबाद-मुंबई रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन के ट्रैक निर्माण के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देशवासियों को इस नई तकनीक से मुखातिब कराया है।

अश्विनी वैष्णव ने दो तस्वीरें ट्वीट की हैं। उन्होंने बताया कि ये तस्वीरें गर्डर लान्चर की है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि पहली बार बुलेट ट्रेन के पुल पर गर्डर लान्चर रखा गया है। रेलवे में नई निर्माण तकनीक आई हैं।

आमतौर पर, एक गर्डर को एक चेन से लटकाया जाता है। लटके हुए गर्डर के रोटेशन को रस्सियों की मदद से मैन्युअल तरीके से नियंत्रित किया जाता है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर भारत के आर्थिक केंद्र मुंबई को अहमदाबाद शहर से जोड़ने वाली एक निर्माणाधीन रेल लाइन है। पूरा होने पर यह भारत की पहली हाई स्पीड रेल लाइन होगी।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को भारत में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के वित्त, निर्माण, रखरखाव और प्रबंधन के उद्देश्य से कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 12 फरवरी 2016 को शामिल किया गया था। कंपनी को रेल मंत्रालय और दो राज्य सरकारों गुजरात और महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा इक्विटी भागीदारी के साथ संयुक्त क्षेत्र में ‘विशेष प्रयोजन वाहन’ के रूप में तैयार किया गया है।

हाई स्पीड रेल परियोजना तकनीक के मामले चमत्कारी होगी। साथ ही इससे यात्रा के समय में बचत, वाहन संचालन लागत, प्रदूषण में कमी, रोजगार सृजन, दुर्घटनाओं में कमी जैसे कई फायदे होंगे।

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