सड़क सुरक्षा विषय पर अब तक अकेले परिवहन विभाग ही रहा सक्रिय

 कहते हैं कि परिवार का मुखिया जब सार्वजनिक रूप से किसी बात पर अपनी गंभीरता जाहिर करता है तो अन्य सदस्य भी न चाहते हुए उस योजना से जुड़ जाते हैं और फिर जो नतीजा निकलता है वो दूरगामी और कहीं अधिक स्थायी होता है। कुछ ऐसा ही मामला जनता-जनार्दन के जीवन से सीधे तौर पर जुडेÞ अति गंभीर मुद्दे सड़क सुरक्षा के साथ होता दिखा। जिस सड़क सुरक्षा विषय को लेकर अभी तक अकेले परिवहन विभाग या फिर कभी-कभार यातायात विभाग ही जन-जन के बीच रहता रहा, वही मुद्दा अब अन्य सरकारी विभागों के लिये भी अगले कुछ दिनों तक काफी अहम नजर आ रहा। दरअसल, एक दिन पूर्व सीएम योगी ने देर शाम तक सड़क सुरक्षा मुद्दे पर शासन के आला अफसरों की टीम के साथ गहन समीक्षा बैठक की। उन्होंने साफ तौर पर अपना यही संदेश दिया कि सड़क सुरक्षा विषय को लेकर प्रदेश सरकार पहले से ही गंभीर है, ऐसे में कोई भी विभाग इसको लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें। 

 इतना ही नहीं सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 18 मई से 19 जून 2022 तक जो सड़क सुरक्षा माह अभियान चलेगा, उसके आखिर में वो जिले की भी फाइनल रिपोर्ट तलब करेंगे।  सूबे के मुखिया की यह मंशा देखकर, अब परिवहन के अलावा होम, टैÑफिक, शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, मेडिकल, पुलिस व प्रशासन ने भी सड़क सुरक्षा विषय को लेकर सक्रियता बरतनी शुरू कर दी है। वहीं शासन व्यवस्था से जुडेÞ जानकारों की मानें तो योगी के इस प्रकार के एक्शन मोड को भांपकर अब जिले के डीएम, कप्तान, एसपी और पुलिस-प्रशासन की पूरी टीम सड़क सुरक्षा पर सतर्क हो गई है। जबकि गौर हो कि अभी दो दिन पहले ही प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने भी उक्त सड़क सुरक्षा माह का जिक्र करते हुए सभी बीएसए और शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में इस विषय से जुड़ी गतिविधियों को संचालित कराने के निर्देश दिये हैं ताकि स्कूली बच्चे भी शुरूआती दौर से ही इसके प्रति जागरुक बन सकें। यही नहीं जिले में अभी तक जो सड़क सुरक्षा समितियां एक तरह से निष्क्रिय पड़ी हुई थीं, वो भी अब सीएम की तेज-तर्रार कार्यशैली को देखकर एक्शन मोड में आनी शुरू हो गई हैं। वैसे बता दें कि परिवहन विभाग ने पहले से ही सड़क सुरक्षा माह के तहत होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तकरीबन बना ली है। विभागीय जानकारी के तहत माह के शुरूआती एक हफ्ते में पहले तो सड़क सुरक्षा विषय को लेकर जन-जन के बीच जागरुकता फैलाने की कोशिश की जायेगी, उसके बाद यदि आशातीत परिणाम नहीं दिखा तो फिर नियम उल्लंघन में परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते का बुल्डोजर अभियान (चालान व सीज अभियान) भी चल सकता है।

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