किसी जादूगर से कम नही है केन्द्र की मोदी सरकार- प्रमोद तिवारी 

केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं उत्तर प्रदेश आउटरीच एण्ड को-आर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कहा है कि आज एक बार फिर हाथ की सफाई दिखाते हुये ‘‘मोदी सरकार’’ पेट्रोल की कीमत में 9.50 रुपये प्रति लीटर,  डीजल में 7 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस में 200 रुपये प्रति सिलेण्डर कम किया है । यह किसी मंच के ‘‘जादूगर’’ की हाथ की सफाई की तरह है कि पहले कीमत बढ़ते जाओ- बढ़ाते जाओ और फिर बाद में उसमें थोड़ा कम कर दो ।

लखनऊ (आरएनएस)

काँग्रेस ने कहा था कि सेण्ट्रल इक्साईज ड्यूटी (केन्द्रीय उत्पाद शुल्क) अनावष्यक रूप से बहुत ज्यादा बढ़ा दी गयी है जो किसी भी हालात में नहीं बढ़नी चाहिए थी । किन्तु केन्द्र की ‘‘मोदी सरकार’’ अपनी मनमानी पर उतारू रही, और कई सालों तक जनता की जेब पर डाका डाला गया, तथा अब थोड़ा सा घटा दिया गया है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि हमारी मांग है कि वर्ष 2014 में तत्कालीन काँग्रेस की सरकार के समय जो कीमत पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस सिलेण्डर की थी उसी कीमत पर लाया जाय । क्योंकि ‘‘सेण्ट्रल इक्साईज ड््यूटी’’  का अंतर्राष्ट्रीय घटना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, यह पूरी तरह ‘‘केन्द्र सरकार’’ पर निर्भर रहता है, और उसी अनुपात में प्रदेष को मिलने वाला ‘‘वैट’’ घट जायेगा परन्तु महंगाई की भयावहता इतनी अधिक है कि देष के चारों महानगरों कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई और दिल्ली में अभी भी पेट्रोल 105- 110 रुपये प्रति लीटर में बिकेगा,  क्योंकि इस कमी के बाद भी पेट्रोल इन चारों महानगरों में 100 रुपये प्रति लीटर के नीचे नहीं आयेगा ।
श्री तिवारी ने मांग की है कि कांगे्रस सरकार के कार्यकाल में अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत लगभग 150 डालर प्रति बैरल थी और आज 110 डाॅलर प्रति बैरल है अर्थात लगभग 40 डाॅलर प्रति बैरल कम है, कांगे्रस सरकार में 65- 70 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल बेंचा जाता था और आज पेट्रोल 100 रुपये के पार है यानी लगभग 40 डालर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद भी 35 – 40 रुपये प्रति लीटर अधिक में पेट्रोल बेंचा जा रहा है जो अपने पंूॅूजीपति दोस्तों की तिजोरी भरने के लिये ‘‘मोदी सरकार’’ का जनता की जेब पर सीधा डाका है ।
श्री तिवारी ने मांग की है कि वर्ष 2014 की कीमत पर पेट्रोल 65- 70 रुपये प्रति लीटर और डीजल 35- 40 रुपये प्रति लीटर में लाया जाय, तथा रसोई गैस 350 रुपये प्रति सिलेण्डर में लायी जाय ।
 माह अक्टूबर से गुजरात और हिमांचल प्रदेष के विधान सभा चुनाव प्रक्रिया की शुरूआत हो जायेगी, और वहांॅ से जो आहट आ रही है वह भारतीय जनतापार्टी के लिये ‘‘शुभ संकेत’’ नहीं है, अतः ‘‘मोदी सरकार’’ द्वारा गुजरात और हिमांचल प्रदेश के चुनाव को ध्यान में रखते हुये ‘‘टेम्पे्ररी’’  (अस्थायी) रूप से इनका दाम घटाया गया है । और यह ‘‘लुका छिपी का खेल’’ जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है तब से जारी है – कीमत बढ़ाते 10 रुपये है तो घटाते 2- 3 रुपये हैं । जनता को धोखा देने का यह इनका पुराना रवैया है ।
श्री तिवारी ने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये कहा है कि जब पेट्रोल के दाम बढ़ाये गये थे तो आवष्यक आवष्यकता की उपभोक्ता सामग्री की कीमत आसमान छूने लगी थी, और सभी ने यही कहा था कि तेल की कीमत बढ़ने के कारण ही सामग्रियों की कीमत बढ़ी है क्योंकि ट्रांसपोर्टेषन चार्ज बढ़ गये है, अब लगभग 10 रुपये तेल की कीमत कम हो रही है तो क्या सामग्रियों की कीमत भी कम की जायेगी और यदि सरकार सामग्रियों की कीमत नहीं घटाती है तो जनता पर वह बोझ तो बना ही रहेगा और देष की 130 करोड़ जनता के साथ ‘‘मोदी सरकार’’ का यह एक और षड़यंत्र होगा । श्री तिवारी ने कहा है कि ‘‘मोदी सरकार’’ में यदि जरा भी नैतिकता है और वह जनता की हितैषी है तो 2014 की तत्कालीन कांगे्रस सरकार के समय की कीमत सुनिष्चित करे, क्योंकि माननीय मोदी जी कहा करते थे कि पेट्रोल 25 रुपये प्रति लीटर में क्यों नहीं बेंचा जा रहा है ? तो अब माननीय मोदी जी 25 रुपये प्रति लीटर में बेंचे , और यदि नहीं बेंच सकते तो कम से कम वर्ष 2014 में जितने रुपये में बेंचा जाता था उतने मंे हीं बेंचना सुनिष्चित करें, कम से कम उससे अधिक में तो न बेंचा जाय । क्योंकि कच्चे तेल का पूरा कोटा भारत में पहंुॅच गया है ।

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