साहिब श्री गुरू अरजन देव महाराज का 416वाँ पावन शहीदी दिवस समारोह सम्पंन 

श्री गुरू ग्रन्थ साहिब के संस्थापक, बाणी के बोहिथ, शहीदों के सरताज सिखों के पांचवें गुरू साहिब श्री गुरू अरजन देव महाराज का 416वाँ पावन शहीदी दिवस ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिन्डोला में बड़ी श्रद्धा व सत्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भव्य दीवान हाल में फूलों से सुसज्जित पालकी साहिब में श्री गुरू ग्रन्थ साहिब पर विराजमान रहे। 01 जून को रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब की समाप्ति के पश्चात रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में आसा-दीवार की पवित्र बाणी व ‘‘जिसके सिर ऊपर तूं स्वामी सो दुख कैसा पावै”  शबद कीर्तन गायन कर श्रद्धालुओं को निहाल किया।

लखनऊ (आरएनएस)

विशेष रूप से पधारे ज्ञानी जसविन्दर सिंह दरदी प्रचारक दरबार साहिब अमृतसर वालों ने श्री गुरू अरजन देव की जीवन पर गुरमति विचार व्यक्त करते हुए बताया कि गुरू अरजन देव ने सभी गुरूओं और भक्तों की बाणियों को संकलन करके एक ग्रन्थ तैयार किया जिसका मूल तत्व परमपिता परमेश्वर की अराधना करना, जाति-पाँति व अन्ध विश्वासों का खण्डन करना और लोगों में आपसी भाईचारे की भावना पैदा कर परमेश्वर से जोड़ना है। उन्होंने 1604 को पहली बार गुरु ग्रन्थ को हरमन्दिर साहिब अमृतसर में स्थापित किया। जिसके पहले ग्रन्थी बाबा बुड्ढ़ा जी बने। श्री गुरू अरजन देव ने 30 रागों में 2312 शबद लिखे, जिसमें श्री सुखमनी साहिब प्रमुख हैं। पंथ प्रसिद्ध रागी जत्था भाई सुखजिन्दर सिंह हजूरी रागी  दरबार साहिब अमृतसर साहिब वालों ने अपनी मधुर बाणी में ‘‘तेरा कीआ मीठा लागे हरि नामु पदारथ नानक मांगे ’’ शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को निहाल किया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं व गुरमत संगीत एकेडमी के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरू अरजन देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किये। रागी जत्था भाई भुपिन्दर सिंह गुरदासपुरी ने “जपउ जिन् अरजन देव गुरु फिरि संकट जोनि गरभ न आइयो“ गायन किया। लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी व ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव, गुरू सिंह सभा नाका हिन्डोला के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा  ने समूह संगत को गुरू  द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलने का आग्रह किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। वहीं 24 अप्रैल से 03 मई तक लगातार 40 दिनों तक सुबह  5 बजे से 7 बजे तक माता गुजरी सत्संग सभा व समूह संगत की ओर से श्री गुरू अरजन देव के शहीदी दिवस को समर्पित गुरू अरजन देव द्वारा रचित पाठ श्री सुखमनी साहिब के पाठ किये गये, पाठों की लड़ी की समाप्ति के बाद   मुख्य रूप से भाग लेने वाले पुरूषों व स्त्रियों को गुरू घर की कृपा सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एक विशाल गुरू के लंगर का भी आयोजन हरमिन्दर सिंह टीटू व हरविन्दरपाल सिंह नीटा की देखरेख में किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने एक पंक्ति में बैठकर गुरू का लंगर ग्रहण किया। लंगर वितरण की सेवा दशमेश सेवा सोसाइटी एवं खालसा इण्टर कालेज के बच्चों ने  की गई।

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