प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत अपराधियों में नहीं रह गया पुलिस का खौफ- त्रिवेदी

राष्ट्रीय लोकदल के सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में प्रतिदिन आपराधिक घटनाओं का बोलबाला हैं, और प्रदेश सरकार की नाक के नीचे कानून व्यवस्था की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। अपराध भी संगीन व जघन्य किस्म के हो रहे हैं, जिनमें चेन स्नेचिंग से लेकर अपहरण ,बलात्कार ,लूट और डकैती के साथ- साथ हत्याएं भी शामिल हैं।

लखनऊ (आरएनएस )

उन्होंने कहा कि यदि कुछ अंतराल के बाद आरोपी पकड़ में आ जाता है तो लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस अपनी पीठ स्वयं थपथपाती है। आगे कहा कि गृह विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री के अधीन होते हुये भी लखनऊ में दबंगों एवं अपराधियों के हौसले बुलंद रहते हैं, और अपराधों की रोकथाम करने के स्थान पर राजधानी पुलिस केवल यातायात निरंतर में लगी रहती है और गृह विभाग उसकी समीक्षा तक नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यदि राजधानी में कानून व्यवस्था की यह दशा है, तो प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों और छोटे- छोटे गांवों में दबंगों एवं अपराधियों के साम्राज्य का आंकलन किया जा सकता है। ग्रामीण थानों में पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट भी बहुत मिन्नत और खुशामत के बाद ही दर्ज हो पाती है, जबकि अधिकांश अपराध दर्ज भी नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का आम आदमी अपने परिवार का पेट पालने में परेशान है उस पर भूमाफिया, अराजक तत्व एवं विभिन्न दबंगों के अत्याचार एवं उनकी दबंगई सामाजिक जीवन को अस्त व्यस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करते हुये कहा कि प्रदेश की राजधानी को अपराधमुक्त एवं भयमुक्त बनाने में मुख्यमंत्री विशेष रूचि लें ताकि नागरिकों को समान्य जीवन व्यतीत करने में परेशानी न हो और ग्रामीण अंचलों के थानों को निर्देश दें किसी भी फरियादी की फरियाद दर्ज करने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाये।

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