गांवों में विकास के नये मॉडल और नये प्रतिमान स्थापित किये जाएंगेः केशव प्रसाद मौर्य

 प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा गांव में विकास के नए मॉडल और नए प्रतिमान स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का नया युग आया है, अधिकारी अपनी प्रतिभा और क्षमता का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने  ग्राम्य विकास विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी को निर्देश दिए हैं कि  विकास कार्यों में जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिये जाएं, लेकिन  किसी के दबाव में कोई गलत काम न किया जाए।

लखनऊ (आरएनएस)

 अधिकारी कार्यक्रम बनाकर गांवों का भ्रमण करें।गांवों की ग्राउंड रिपोर्ट सामने आना चाहिए। समस्याओं को टालने से नहीं, निस्तारित करने से  सरकार की छवि  बनती है। मनरेगा योजना का उल्लेख करते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23  के लिए रोजगार सृजन हेतु भौतिक लक्ष्य 2600 लाख  मानव दिवस अनुमोदित किया गया है और इस वर्ष अब तक 53.33लाख श्रमिकों को रोजगार देते हुये 1260.72लाख मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं एवं कुल रू0 4372.15करोड़ की धनराशि व्यय की  चुकी है। इस तरह मनरेगा में कार्य कराने के मामले में उत्तर प्रदेश , देश में  अग्रणी पंक्ति में है। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत विगत 5वर्षो मे उत्तर प्रदेश में 3.98 करोड़ श्रमिकों को रोजगार देते हुए 135.85करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं और इसमें रू0 36309.33 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है, जिसमें श्रमांश मद में रू 25902.14करोड़ एवं सामग्री अंश मे  रू 10407.18करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 मे 20लाख  परिवारो को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है, चालू वर्ष में अब तक 18801 परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। विगत 5वर्षों में प्रदेश में 16.14लाख परिवारों को पूर्ण 100दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

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