बिन पोथी पंडित बन रहे सरकारी स्कूलों के नौनिहाल अधिकारियों के पास नहीं कोई जवाब

 ग्रीष्मावकाश के बाद परिषदीय स्कूल खुले 25 दिन बीत चुके हैं। विकासखण्ड के  प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के नौनिहालों को अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में नन्हे-मुन्ने पुरानी किताबों के सहारे पठन-पाठन करने को मजबूर हैं। बच्चों को किताबें कब तक मिल पाएंगी, इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। जुलाई माह में अब चंद दिन ही शेष है। लेकिन अभी तक प्राथमिक  व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के नौनिहालों को पाठ्य पुस्तकें नहीं मुहैया हो सकी हैं। 

लखनऊ (आरएनएस)

 इतना ही नहीं अभी तक अभिभावकों के खाते में ड्रेस का पैसा भी नहीं आ सका है। जिससे इन स्कूलों के नौनिहालों को इस त्रासदी को झेलना पड़ रहा है और पुरानी पुस्तकों से ही पढ़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार इटौंजा वा बीकेटी क्षेत्र में 269 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। इन विद्यालयों में लगभग 3000 से अधिक छात्र एवं छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जुलाई माह बीतने वाला है पर आज तक इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं को कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की निशुल्क पुस्तकें नहीं प्राप्त हो सकी है। इससे बच्चे पुरानी पुस्तकों का सहारा लेकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।इधर बेसिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों का दावा है कि इन विद्यालयों में गुणवत्ता परक शिक्षा देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। पर इन बच्चों के पास पुस्तके ना होने के कारण उनका गुणवत्ता परक शिक्षा संवर्धन कैसे संभव है। इधर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों अभिभावकों का कहना है कि अभी तक बच्चों के ड्रेस का पैसा भी अभिभावकों के खाते में नहीं भेजा जा सका है। सरकार शासन प्रशासन तथा बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी प्राथमिक शिक्षा के उत्थान के लिए कृत संकल्प है। पर बच्चों को पुस्तके ना मिलने की वजह से उनकी पोल उजागर हो रही है।इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति शुक्ला से जानकारी करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका।

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