765 केवी अनपरा डी उन्नाव ट्रांसमिशन लाइन ठप होने से विद्युत नियामक आयोग हुआ गंभीर

अनपरा डी उन्नाव 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन को ओबरा सी से जोड़ने के लिए गलत तरीके से लगाए गए लाइन रिएक्टर के मामले में नया मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल लोक महत्व याचिका पर विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह के निर्देश पर आयोग सचिव द्वारा प्रबंध निदेशक पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड से 7 दिन में पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है। 

लखनऊ (आरएनएस)

आयोग ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा यह जनहित और उपभोक्ता हित का बड़ा मामला है। आयोग ने उपभोक्ता परिषद की याचिका का आधार बनाते हुए कहा है कि 765 केवी  अनपरा सी  ट्रांसमिशन लाइन 25 जुलाई को एकाएक ब्रेकडाउन में चली गई तो लगभग 900 मेगा वाट की बिजली निकासी पर संकट आ गया। जो ना तो उपभोक्ता हित में है और ना ही वाणिज्यिक हित में है।  उपभोक्ता परिषद ने कहा पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन इस पूरे मामले को अडानी ग्रुप की जिम्मेदारी बताते हुए पल्ला झाड़ रहा है लेकिन केवल पल्ला झाड़ने से काम नहीं चलेगा। इसमें जिसकी भी गलती है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए और अब तक जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई जिसकी भी गलती है उससे जनहित करना होगा। यह एक जनहित का जुड़ा बड़ा मामला ह,ै इसलिए इसमें कोई भी चूक माफ नहीं की जा सकती। विद्युत नियामक आयोग द्वारा पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद बिजली कंपनी में हडकंप मच गया है, सब अपनी गर्दन बचाने में जुटे।
गौरतलब है कि इस मामले पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह से मुलाकात कर 26 जुलाई को आयोग को एक लोक महत्व याचिका सौंपते हुए यह मुद्दा उठाया गया था  और पूरे मामले की आयोग से उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठाई गई थी साथ ही अब तक जो नुकसान हुआ है उसका आकलन करने का भी मांग की गई थी। उपभोक्ता परिषद ने कहा था  इस पूरे मामले की जनहित में सघन जांच होनी चाहिए क्योंकि यह पूरा मामला ग्रिड अनुशासन से जुड़ा हुआ है। क्योंकि ओबरा सी  को बनाने वाली लीलो लाइन निर्माणकर्ता ओबरा -सी  बदायूं ट्रांसमिशन लिमिटेड  अडानी ग्रुप व  उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन दोनों के पहलुओं पर जांच होना जरूरी है कि किसकी गलती से पिछले 6 महीने से 1200 करोड की तैयार 765 केवी की लाइन बंद पडी है वह भी गलत रिएक्टर लगाने की वजह से उपभोक्ता परिषद ने अपने लोक महत्व प्रस्ताव में आयोग के सामने यह भी प्रस्तुत किया है।

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