उत्तराखंड: भारी बारिश के चलते सेब से भरे 50 ट्रक और यात्री वाहन फंसे
देहरादून जिले के सीमांत क्षेत्र में हुई मूसलाधार वर्षा के चलते देहरादून-उत्तरकाशी और हिमाचल के शिमला-सिरमौर जनपद को जोड़ने वाला त्यूणी-पुरोला हाईवे दो दिन से बंद है। तेज वर्षा के कारण जगह-जगह पहाड़ दरकने से हाईवे पर हनोल से खूनीगाड़ के बीच मार्ग अवरुद्ध होने से यातायात संचालन ठप है।
50 ट्रक और अन्य यात्री वाहन रास्ते में फंसे
हाईवे बंद होने से सेब से भरे करीब 50 ट्रक और अन्य यात्री वाहन रास्ते में फंसे हैं। सड़क पर भारी मात्रा में मलबा-बोल्डर आने से वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा.
बरसाती मलबे से बंद पड़े हाईवे को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग चकराता ने जेसीबी और कंप्रेशर लगाए हैं। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य संपर्क मार्ग भी बरसाती मलवे से बंद है, जिसे खोलने के प्रयास जारी है।
भूस्खलन (Landslide in Uttarakhand) से कई किसानों की कृषि भूमि फसल सहित तबाह हो गई। आपदा से प्रभावित स्थानीय ग्रामीणों की निजी एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों को हुए भारी नुकसान के एवज में सरकार से मुआवजे की मांग की है।
देहरादून-उत्तरकाशी जनपद के अलावा हिमाचल के शिमला-सिरमौर जनपद को जोड़ने वाले त्यूणी-पुरोला हाईवे, मसूरी-चकराता-त्यूणी एनएच व जेपीआरआर हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने से यातायात प्रभावित है।
इसके अलावा त्यूणी-कथियान, हनोल-ब्यूलाड़ा, चातरा-हनोल, रडू-मुंधोल, सैंज-अटाल, दारागाड़-डांगूठा-कथियान, सिलीखड्ड-जबराड़-कुनैन, अटाल-मीनस-क्वानू, रायगी-त्यूणी-कुल्हा समेत कई मार्ग पहाड़ दरकने से अवरुद्ध हैं। संबंधित विभाग ने मार्ग खोलने को प्रभावित इलाके में जेसीबी लगाई है।
हाईटेंशन लाइन टूटी, पांच सौ गांवों में बिजली ठप
तेज वर्षा (Heavy Rains) के कारण ढ़करानी से जौनसार के चार बिजलीघरों को जाने वाली 33 केवीए हाईटेंशन लाइन कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई। हरिपुर से बाड़वाला के बीच यमुना नदी के तेज बहाव से हाईटेंशन लाइन के दो पोल व पांच सौ मीटर लंबी तार टूटने से साहिया, चकराता, सावड़ा व त्यूणी में चारों बिजलीघर की पावर सप्लाई ठप हो गई।
इससे सीमांत त्यूणी, चकराता व कालसी तहसील से जुड़े करीब पांच सौ गांवों में बिजली नहीं है। आपदा से क्षतिग्रस्त हाइटेंशन लाइन को दुरस्त करने ऊर्जा निगम टीम के साथ गुरुवार सुबह हरिपुर पहुंचे चकराता-डाकपत्थर डिवीजन के उपखंड अधिकारी अशोक कुमार के नेतृत्व में निगम कर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से बड़ी मुश्किल से लाइन ठीक की।