उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तम-एफडीआर पोर्टल का किया शुभारंभ

 उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उत्तम-एफडीआर पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित की जा रही सड़कों में एफडीआर तकनीक का इस्तेमाल एक क्रांतिकारी और अभिनव कदम है। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, और यहां का अध्ययन व अनुसरण कर अन्य कई राज्यों में इस तकनीक का उपयोग करने की शुरुआत की गयी है। कहा कि इस तकनीक के इस्तेमाल से सड़कों के निर्माण के क्षेत्र में दूरगामी और चमत्कारी परिणाम हासिल होंगे।

लखनऊ (आरएनएस)

केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को पीएमजीएसवाई की सड़कों के निर्माण में एफडीआर तकनीक के इस्तेमाल के संबंध में यूपीआरआरडीए के सभागार गन्ना संस्थान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस तकनीक का उपयोग करने से सामान्य तरीके से बनाई जा रही सड़कों के सापेक्ष लागत में तो कमी आयेगी ही,साथ ही सड़कें ज्यादा टिकाऊ और मजबूत होंगी। यही नहीं, जहां लागत में कमी होगी, वहीं पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन में भी इस तकनीक के इस्तेमाल से फायदा होगा ।उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई सड़कों के निर्माण मे एफ डी आर तकनीक के  बेहतर क्रियान्वयन हेतु   लांच किए गए उत्तम-एफडीआर पोर्टल से सड़कों के निर्माण में बहुत आसानी होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह  पोर्टल से सड़कों की क्वॉलिटी मेंटेन करने और निर्माण में तेजी लाने के लिए सभी संबंधित को एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है। इससे सड़कों का निर्माण फास्टट्रैक मोड में होगा और सड़कों की क्वालिटी  बेहतर करने में मदद मिलेगी।  साथ ही साथ विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट भी इस पोर्टल पर अपलोड की जा सकेंगी, इससे फाइल वर्क में कमी आएगी और फील्ड की समस्याओं को भी आसानी से दूर किया जा सकेगा।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर आशाभरी निगाहों से देख रही है और इस दृष्टिकोण से भी यह तकनीकी एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका अनुसरण  देश के अन्य राज्यों में ही नहीं,बल्कि,अन्य देशों में भी होगा।  उन्होंने कहा पीएमजीएसवाई की सड़कों को 5.5मीटर चौड़ा उच्चीकृत किया जा रहा है,  यह मार्ग ग्रामीण हाईवे साबित होंगे। इन सड़कों के निर्माण में गिट्टी आदि का बाहर से इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि पूर्व बनी हुई सड़कों में पड़ी गिट्टी का उपयोग करके उच्चीकृत किया जाता है ।बाहर से गिट्टी का इस्तेमाल न करने से ट्रांसपोर्टेशन के पैसे की बचत होगी ,साथ ही साथ गिट्टी भी वहां से नहीं लानी पड़ेगी। पीएमजीएसवाई की सड़कों के 5.5 मीटर  चौड़ीकरण /उच्चीकृत होने से ग्रामीण क्षेत्रों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और किसानों  को अपना उत्पादन बढ़ाने व उन्हें बाजार तक ले जाने में आसानी होगी, इसलिए  ग्रामीण क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी और गांवो का समग्र विकास होगा। कहा एफडीआर तकनीक से निर्मित की जा रही सड़कें  कई दृष्टिकोण से लाभकारी सिद्ध होंगी। राज्यमंत्री, ग्राम्य विकास विजयलक्ष्मी गौतम ने इस अवसर पर कहा कि  एफडीआर तकनीक के इस्तेमाल से ग्रामीण क्षेत्र का  समग्र विकास होगा और आत्मनिर्भर भारत  बनाने में अच्छी सड़कें मददगार साबित होगी।

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