विभागीय स्थानांतरण के अधिकारों में हुई कटौती तथा स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन होगा जरूरी 

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी, महामंत्री निरंजन कुमार श्रीवास्तव व संयुक्त सचिव अरुणा शुक्ला ने  मुख्य सचिव द्वारा 16 अगस्त को निर्गत किए गए स्थानांतरण नीति विषयक आदेश का स्वागत किया है।

लखनऊ (आरएनएस )

संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा कि 15 जून 2022 के शासनादेश द्वारा वर्ष 2022 -23 के लिए स्थानांतरण नीति जारी की गई थी। इसके अनुसार स्थानांतरण सत्र 30 जून तक निर्धारित था। 30 जून के बाद समूह ग और घ के लिए विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानांतरण करने के अधिकार दिए गए थे। वहीं कई विभागों में स्थानांतरण में गड़बड़ियों की शिकायत मुख्यमंत्री तक की गई थी। मनमाने ढंग से विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी बंद नहीं हो रही है। वहीं कई विभागों में नीति विरुद्ध स्थानांतरण भी किए जा रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पूर्व में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्थानांतरण में पारदर्शिता लाने एवं नीति विरुद्ध किए गए स्थानांतरण को निरस्त करते हुए निजी अनुरोध, पति-पत्नी का समायोजन, संविदा कर्मियों, संविदा शिक्षकों व रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजन किए जाने का अनुरोध किया था। अधिकारियों  की मनमानी रोकने के लिए मुख्य सचिव ने 16 अगस्त को एक आदेश जारी करके सभी वर्गों के स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक कर दिया है। इस आदेश से अब अनावश्यक स्थानांतरण पर रोक लग जाएगी तथा विभाग नीति विरुद्ध प्रस्ताव मुख्यमंत्री को प्रेषित नहीं कर सकेंगे। 16 अगस्त की स्थानांतरण नीति के अनुसार अनुरोध एवं चिकित्सीय आधार एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री के दरवाजे खुले हुए हैं। संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव के आदेश का स्वागत किया है।

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