अनुसूचित जाति का दलित दंश समाप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने उठाया बड़ा कदम

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुसूचित जातियों का दलित दंश समाप्त करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाकर दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उक्त बातें रविवार को अति विशिष्ट अतिथि गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में  बोलते हुए उत्तर प्रदेश अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहीं। 

लखनऊ (आरएनएस )

 आगे उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वच्छ भारत मिशन की घर-घर शौचालय योजना ने सदियों से चली आ रही हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर पूर्ण विराम लगा दिया। उसी प्रकार प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) दलितों का सामूहिक आर्थिक सशक्तिकरण करके सदियों से चले आ रहे दलित त्रासदी को समाप्त करेगा। कहा कि अब उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के नाम से जानी जायेंगी। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित होगी। दलित बाहुल्य क्षेत्रों में समूहों के रूप में अनुसूचित जाति के उद्यमी बनाने के लिए आय सृजक योजनाएं चलायी जायेंगी तथा उक्त गावों में आय-सृजन के लिए जरूरी निर्माण भी कराये जायेंगे। इसी तरह पीएम अजय योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए नये छात्रावासों का निर्माण होगा तथा पुराने छात्रावासों का नवीकरण कराया जायेगा। डा. निर्मल ने कहा कि उप्र. अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में पात्रता के  लिए अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 47080 रूपए तथा शहरी क्षेत्रों में 56460 तथा अनुदान की धनराशि 10 हजार निर्धारित थी। जिसके बाद जुलाई 2018 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आय सीमा व अनुदान सीमा में वृद्धि करने के लिए भारत सरकार से गुजारिश की थी। केन्द्र सरकार ने व्यापक मंथन करके अब पात्रता के लिए आय सीमा और अनुदान में बड़ा बदलाव किया है। इन योजनाओं में अब वार्षिक आय सीमा को सीमामुक्त करते हुए 2.50 लाख रुपए से कम वार्षिक आय के लोगों को योजनाओं में प्राथमिकता देने की व्यवस्था की गयी है। अनुदान राशि 10 हजार के स्थान पर अब सहायता राशि 50 हजार प्रति लाभार्थी दी जायेगी।वहीं,अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को उद्यम स्थापित करने के लिए लाभ परक परियोजनाओं के माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तिकरण किया जायेगा और इसके लिए अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के क्लस्टर,समूहों व समितियों का चयन किया जायेगा। इन समूहों द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं के सफल संचालन के लिए उनकी समयबद्ध प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। व्यक्ति परक परियोजनाओं की जगह दलितों के समूहों को उद्यमी बनाया जायेगा। लाभार्थियों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने तथा उनके उद्यम पर निगरानी रखने के लिए पीआईयू की व्यवस्था राज्य और जनपद स्तर पर की गयी है। जिसमें प्रोजेक्ट आफिसर, प्रोजेक्ट टेक्निकल असिस्टेंट, प्रोजेक्ट कम्प्यूटर असिस्टेंट तथा राज्य स्तर पर स्टेट को-आडीर्नेटी एवं स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। इन लाभार्थियों के उत्पादों को बाजार प्रदान करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए बड़े-बड़े उद्यमी समूहों से संवाद भी किया जा रहा है। अंत में उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में आवेदन के लिए 25 सितम्बर 2022 तक विभागीय पोर्टल या जिला समाज कल्याण कार्यालय में जमा कि ये जा सकते हैं।

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