गांधीजी की यह पंक्तियां -”हिंदी भाषा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों की पहचान”
गांधीजी की यह पंक्तियां अत्यंत सार्थक नजर आती हैं। हिंदी भाषा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों की पहचान है। हिंदी का अपना एक विशेष महत्व है। अपने भावों को प्रकट करने का सबसे सशक्त माध्यम हिंदी ही है। हमारी हिंदी एवं हिंदुस्तान पर हमें गर्व होना चाहिए।
प्रयागराज, (आरएनएस )
इसी गौरव को बढ़ाते हुए पतंजलि ऋषिकुल में बुधवार को हिंदी की महत्ता एवं उसके विकास को बढ़ावा देते हुए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हिंदी दिवस अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसके अंतर्गत बच्चों ने स्वरों के माध्यम से शब्दों का कोलाज तथा हिंदी दिवस पर पोस्टर बनाकर हिंदी के प्रति अपने लगाव को व्यक्त किया तथा कविता पाठ कर हिंदी के प्रति अपने विचार प्रकट किए। इसके अतिरिक्त कक्षा छह से बारहवीं तक के बच्चों ने हिंदी के विभिन्न कवियों एवं कवयित्रीयों के वेशभूषा में उनकी कविताओं की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। बच्चों ने हिंदी महत्व पर भाषण तथा वाद विवाद प्रतियोगिता में भी बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। साथ ही बच्चों ने रामचरित मानस का भी पाठ किया।
इस अवसर पर विद्यालय उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णा गुप्ता ने बच्चों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “हिंदी ही हम सब की पहचान हैं। हमें इसके महत्व को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। विद्यालय की निर्देशिका रेखा वैद गुप्ता एवं सचिव यशोवर्धन ने बच्चों के प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी की महत्ता एवं समृद्धता के लिए विद्यालय का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। विद्यालय प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह ने कहा कि एक स्वतंत्र देश की अपनी भाषा ही उस देश की असली पहचान होती है। हिंदी भाषा को समृद्धता प्रदान करने हेतु हमारा विद्यालय पतंजलि ऋषिकुल सदैव प्रयत्नशील रहेगा।
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